अल-कफील की रिपोर्ट के हवाले से, हुसैनिया दरगाह की महिला कुरानिक गतिविधियों की प्रमुख आमाल अल-मतूरी ने कहा कि उनकी टीम ने पूरी लगन के साथ तकनीकी जाँच और दृश्य संशोधन किया। इसमें सभी प्रतियों की पूरी तरह से जाँच की गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनमें किसी भी तरह की तकनीकी या छपाई की त्रुटि न हो, जैसे अतिरिक्त बिंदु, स्याही का धब्बा, अस्पष्ट शब्द या कोई अन्य दोष जो कुरान की सुंदरता और स्पष्टता को प्रभावित कर सकता है।
अल-मतूरी ने बताया कि यह गुणवत्तापूर्ण उपलब्धि उस समय हासिल हुई है जब उनकी टीम कुरानिक ग्रीष्मकालीन कार्यक्रमों का प्रबंधन कर रही थी। साथ ही, जल्द ही शुरू होने वाले कुरानिक स्टेशनों की तैयारियाँ भी जारी हैं। इससे इस इकाई में काम करने वाली महिला कर्मियों और स्वयंसेवकों के प्रयासों का पता चलता है, जो कुरान-ए-पाक की पवित्रता के अनुरूप सेवाएँ प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हुसैनिया दरगाह के दारुल कुरान के कई शिक्षकों और स्वयंसेवकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और अद्भुत प्रदर्शन किया, जिसमें सटीकता और मेहनत स्पष्ट दिखाई देती है। साथ ही, उन्होंने निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अल-मतूरी ने यह भी बताया कि आगामी योजना में कुरान-ए-पाक की 5,000 प्रतियों की छपाई की समीक्षा शामिल है, जो उनकी तकनीकी टीम की क्षमताओं पर बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
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